मुकाबिल तोप से हर पल कलम थी,
तुम्हारे हाथ की तलवार क्या है ।
(मुकाबिल = सम्मुख, आमने-सामने)
मुक़म्मल फैसला कर ले मोहब्बत,
तो सरहद पे उठी दीवार क्या है ।
(मुक़म्मल = सम्पूर्ण)
हमें बिकना नहीं मंजूर, सुन ले
अब तेरा दर है क्या, बाज़ार क्या है ।
-अवनीश कुमार
तुम्हारे हाथ की तलवार क्या है ।
(मुकाबिल = सम्मुख, आमने-सामने)
मुक़म्मल फैसला कर ले मोहब्बत,
तो सरहद पे उठी दीवार क्या है ।
(मुक़म्मल = सम्पूर्ण)
हमें बिकना नहीं मंजूर, सुन ले
अब तेरा दर है क्या, बाज़ार क्या है ।
-अवनीश कुमार