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Wednesday, October 10, 2012

नैरंगी-ए-सियासत-ए-दौराँ तो देखिये,
मंजिल उन्हें मिली जो शरीक-ए-सफ़र न था
-मोहसिन भोपाली

1. नैरंगी: धोखाधड़ी, फरेब
2. सियासत-ए-दौराँ: राजनीति का समय काल
3. शरीक-ए-सफ़र = यात्रा में शामिल