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Tuesday, October 2, 2012

कहकहे भी कमाल करते हैं
आंसुओं से सवाल करते हैं

ऐसे पत्थर भी हैं यहां जिनकी
आईने देखभाल करते हैं

कद्र लम्हों की जो नहीं करते
जिंदगी भर मलाल करते हैं

जिनकी तारीख पर निगाहें हैं
फैसले बेमिसाल करते हैं

सब्र करना जिन्हें नहीं आता
ग़म उन्हें ही निढाल करते हैं

प्यार है एक खूबसूरत शेर
शरहे हिज्रो विसाल करते हैं

हम किसी भी ख़याल में हों मगर
वो हमारा ख़याल करते हैं
-नजर एटवी

Wednesday, September 26, 2012

मैंने तो किताबों में कुछ फूल ही रखे थे
दुनिया ने बना डाला कुछ और ही अफ़साना
-नज़र एटवी