Showing posts with label -शायर: राजगोपाल सिंह. Show all posts
Showing posts with label -शायर: राजगोपाल सिंह. Show all posts

Saturday, November 3, 2012

चढ़ते सूरज को लोग जल देंगे
जब ढलेगा तो मुड़ के चल देंगे

गंदले-गंदले ये ताल ही तो तुम्हें
मुस्कुराते हुए कंवल देंगे

मोह के वृक्ष मत उगा, ये तुझे
छांव देंगे न मीठे फल देंगे

तुम हमें नित नई व्यथा देना
हम तुम्हे रोज़ इक ग़ज़ल देंगे

चूम कर आपकी हथेली को
हस्त रेखाएं हम बदल देंगे
-राजगोपाल सिंह