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Saturday, August 24, 2019

इस आलम-ए-वीराँ में क्या अंजुमन-आराई
दो रोज़ की महफ़िल है इक उम्र की तन्हाई
-सूफ़ी तबस्सुम

(आलम-ए-वीराँ = सुनसान/ वीरान दुनिया, सूनेपन की अवस्था/ दशा/ हालत), (अंजुमन आराई  = महफ़िल सजाना, सभा की शोभा बढ़ाना)