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Monday, November 24, 2014

सुकून-ए-दिल जहान-ए-बेश-ओ-कम में ढूँढने वाले
यहाँ हर चीज़ मिलती है, सुकून-ए-दिल नहीं मिलता
-जगन्नाथ आज़ाद

(सुकून-ए-दिल = दिल की शांति), (जहान-ए-बेश-ओ-कम = ज्यादा और कम की दुनिया)


Thursday, March 14, 2013

कीमत फ़क़त बशर की गिरी है वगरना आज,
हर एक शै का दाम कहीं से कहीं गया।
-जगन्नाथ आज़ाद

(बशर = इंसान)