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Tuesday, March 26, 2013

जान हम तुम पे दिया करते हैं,
नाम तेरा ही लिया करते हैं ।

ज़िन्दगी ज़िंदादिली का नाम है,
मुर्दादिल ख़ाक जिया करते हैं ।
-नासिख़

Friday, October 12, 2012

बाँट ले कोई किसी का ग़म यह मुमकिन नहीं,
यार ग़म दुनिया में उठवाते नहीं मज़दूर से
-शेख़ इमाम बख़्श 'नासिख'