ऐ मौज-ए-बला दे उनको भी, दो-चार थपेड़े हलके से
कुछ लोग अभी तक साहिल से, तूफाँ का नज़ारा करते हैं
-मुईन अहसान जज़्बी
मौज-ए-बला = तूफ़ानी लहर
साहिल = किनारा
कुछ लोग अभी तक साहिल से, तूफाँ का नज़ारा करते हैं
-मुईन अहसान जज़्बी
मौज-ए-बला = तूफ़ानी लहर
साहिल = किनारा