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Tuesday, February 13, 2018

वाइज़, शराब-ए-नाब को इतना न कोसिए
जन्नत में आप भी तो पियेंगे, अगर गए
- बेख़ुद देहलवी
(वाइज़ = धर्मोपदेशक), (शराब-ए-नाब=ख़ालिस शराब, Red wine)

Monday, November 24, 2014

नमक भर कर मेरे ज़ख्मों में तुम क्या मुस्कुराते हो
मेरे ज़ख्मों को देखो मुस्कुराना इसको कहते हैं

ज़माने से अदावत का सबब थी दोस्ती जिनकी
अब उनको दुश्मनी है हमसे, दुनिया इसको कहते हैं

(अदावत = बैर, दुश्मनी), (सबब = कारण)

-बेख़ुद देहलवी

Saturday, November 8, 2014

जादू है या तिलिस्म तुम्हारी ज़बान में
तुम झूठ कह रहे थे मुझे ऐतबार था

-बेख़ुद देहलवी 

Thursday, May 16, 2013

मायूस-ए-आरज़ू भी हूँ मायूस-ए-यास हूँ,
दिल में जगह नहीं है तमन्ना के वास्ते ।
-बेख़ुद देहलवी

(यास = निराशा)