अँधेरी रात को ये मोजज़ा दिखायेंगे हम
चिराग़ अगर न मिला, अपना दिल जलायेंगे हम
(मोजज़ा =चमत्कार)
हमारी कोहकनी के हैं मुख़्तलिफ़ मेयार
पहाड़ काट के रस्ते नए बनायेंगे हम
(कोहकनी = पहाड़ खोदना, बहुत अधिक परिश्रम का काम), (मुख़्तलिफ़ = अनेक प्रकार का, भिन्न, पृथक, जुदा, कई तरह का) (मेयार = पैमाना, मापदंड)
जो दिल दुखा है तो ये अज़्म भी मिला है हमें
तमाम उम्र किसी का न दिल दुखायेंगे हम
(अज़्म = संकल्प, दृढ निश्चय, श्रेष्ठता)
बहुत निढाल हैं सुस्ता तो लेंगे पल दो पल
उलझ गया कहीं दामन तो क्या छुड़ायेंगे हम
अगर है मौत में कुछ लुत्फ़ बस तो इतना है
कि इसके बाद ख़ुदा का सुराग़ पायेंगे हम
हमें तो कब्र भी तन्हा न कर सकेगी 'नदीम'
के हर तरफ से ज़मीन को क़रीब पायेंगे हम
-अहमद नदीम कासमी
चिराग़ अगर न मिला, अपना दिल जलायेंगे हम
(मोजज़ा =चमत्कार)
हमारी कोहकनी के हैं मुख़्तलिफ़ मेयार
पहाड़ काट के रस्ते नए बनायेंगे हम
(कोहकनी = पहाड़ खोदना, बहुत अधिक परिश्रम का काम), (मुख़्तलिफ़ = अनेक प्रकार का, भिन्न, पृथक, जुदा, कई तरह का) (मेयार = पैमाना, मापदंड)
जो दिल दुखा है तो ये अज़्म भी मिला है हमें
तमाम उम्र किसी का न दिल दुखायेंगे हम
(अज़्म = संकल्प, दृढ निश्चय, श्रेष्ठता)
बहुत निढाल हैं सुस्ता तो लेंगे पल दो पल
उलझ गया कहीं दामन तो क्या छुड़ायेंगे हम
अगर है मौत में कुछ लुत्फ़ बस तो इतना है
कि इसके बाद ख़ुदा का सुराग़ पायेंगे हम
हमें तो कब्र भी तन्हा न कर सकेगी 'नदीम'
के हर तरफ से ज़मीन को क़रीब पायेंगे हम
-अहमद नदीम कासमी