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-शायर: महताब आलम
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Friday, February 15, 2019
वतन को फूँक रहे हैं बहुत से अहल-ए-वतन
चराग़ घर के हैं सरगर्म घर जलाने में
-महताब आलम
(अहल-ए-वतन = देश के लोग, देशवासी)
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