तेरा हर ख़याल है सरसरी, तेरा हर कमाल है ज़ाहिरी
कोई दिल की बात करूँ तो क्या, तेरे दिल में आग तो है नहीं
-नासिर काज़मी
(ख़याल = विचार), (सरसरी = ध्यान या समझ के बिना), (ज़ाहिरी = दिखावा)
कोई दिल की बात करूँ तो क्या, तेरे दिल में आग तो है नहीं
-नासिर काज़मी
(ख़याल = विचार), (सरसरी = ध्यान या समझ के बिना), (ज़ाहिरी = दिखावा)