Showing posts with label -शायर: इफ़्तेख़ार आरिफ़. Show all posts
Showing posts with label -शायर: इफ़्तेख़ार आरिफ़. Show all posts

Thursday, December 17, 2015

खलियानों का सारा सोना, सारी चांदी उसकी है
जान से भी जो हरियाली का क़र्ज़ चुकाना भूले ना
- इफ़्तिख़ार आरिफ़

Saturday, November 22, 2014

तुमसे बिछड़ कर ज़िंदा हैं
जान, बहुत शर्मिंदा हैं
-इफ़्तेख़ार आरिफ़