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Sunday, September 1, 2019

एक दिल को हज़ार दाग़ लगा

एक दिल को हज़ार दाग़ लगा
अन्दरूने में जैसे बाग़ लगा

उससे यूँ गुल ने रंग पकड़ा है
शमा से जैसे लें चिराग़ लगा

ख़ूबी यक पेचाँ बंद ख़ूबाँ की
ख़ूब बाँधूँगा गर दिमाग़ लगा

(ख़ूबी = हुस्न, योग्यता, प्रतिभा,गुण,), (पेचाँ = घुमावदार, पेचीला, लिपटा हुआ, उलझा हुआ), (बंद = फंदा, पाश, गाँठ ), (ख़ूबाँ = सुन्दर स्त्रियां, माशूक़ लोग, प्रियतमाएँ)

पाँव दामन में खेंच लेंगे हम
हाथ ग़र गोशा-ए-फ़राग़ लगा

(फ़राग़ = अवकाश, छुट्टी, निश्चिंतता, बेफ़िक्री, छुटकारा, मुक्ति, संतोष, चैन), (गोशा = कोना, एकान्त स्थान)

'मीर' उस बे-निशाँ को पाया जान
कुछ हमारा अगर सुराग़ लगा

(बे-निशाँ = गुमनाम, आस्तित्वहीन, जिसका कोई अता-पता न हो)

-मीर तक़ी मीर

Monday, October 10, 2016

अक्सर इस तरह आस का दामन
दिल के हाथों से छूट जाता है
जैसे होंटों तक आते आते जाम
दफ़्अतन गिर के टूट जाता है
-वसीम बरेलवी

(दफ़्अतन = सहसा, अचानक, अकस्मात्)

Saturday, July 6, 2013

एक हसीन रात

एक हसीन रात में मिलने का वादा दे दे
मैं समंदर चीर आऊँ ये इरादा दे दे

कुछ पोशीदा रहीं आरज़ू मेरी
तेरे दामन में बिखर जाने का इरादा दे दे

(पोशीदा रहीं = छिपी रहीं)

एक हसीन रात...

-रूपा भाटी

Tuesday, April 9, 2013

मैं फूल चुनने आया था बाग़े-हयात में,
दामन को ख़ारे-ज़ार में उलझा के रह गया।
-नरेश कुमार शाद

(बाग़े-हयात = जीवन का बगीचा, दुनिया), (ख़ारे-ज़ार = नुकसानदेह काँटे)


Sunday, October 14, 2012

सिर्फ़ लहरा के रह गया आँचल
रंग बन कर बिखर गया कोई

गर्दिश-ए-ख़ूं रगों में तेज़ हुई
दिल को छूकर गुज़र गया कोई

फूल से खिल गये तसव्वुर में
दामन-ए-शौक़ भर गया कोई
-अली सरदार जाफ़री