क़ैद में हैं और बाँहों में खुला आकाश है,
यह हमारा ही नहीं युग का विरोधाभास है ।
ताज बदले पर वज़ीरों का वही कुनबा रहा,
वक़्त के संग बदल जाने का उन्हें अभ्यास है ।
-अवनीश कुमार
यह हमारा ही नहीं युग का विरोधाभास है ।
ताज बदले पर वज़ीरों का वही कुनबा रहा,
वक़्त के संग बदल जाने का उन्हें अभ्यास है ।
-अवनीश कुमार
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