Friday, September 28, 2012

तूफ़ान से उलझ गए लेकर ख़ुदा का नाम
आख़िर नजात पा ही गए नाख़ुदा से हम

[(नजात = मुक्ति, छुटकारा), (नाख़ुदा = मल्लाह, नाविक)]

पहला सा वह जुनूने-मुहब्बत नहीं रहा
कुछ-कुछ सम्भल गए हैं तुम्हारी दुआ से हम

खूँ-ए-वफ़ा मिली दिले-दर्द-आशना मिला
क्या रह गया है और जो माँगें ख़ुदा से हम

[(खूँ-ए-वफ़ा = वफ़ा करने का स्वभाव), (दिले-दर्द-आशना = मित्र जैसा दिल का दर्द)]

पाए-तलब भी तेज था मंज़िल भी थी क़रीब
लेकिन नजात पा न सके रहनुमाँ से हम
-अर्श मलसियानी

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