mir-o-ghalib
जगजीत-चित्रा जी की ग़ज़लों और नज़्मों के लिए यहाँ क्लिक करें
मीर तक़ी मीर और मिर्ज़ा ग़ालिब के चाहने वाले ये ब्लॉग भी देखें: मीर-ओ-ग़ालिब
Spiritual Science
Tuesday, September 25, 2012
मंज़िले मक़सूद तक पहुँचे बड़ी मुश्किल से हम,
ज़ोफ़ ने अक्सर बिठाया, शौक़ अक्सर ले चला
-दाग़
(ज़ोफ़ = निर्बलता, कमज़ोरी, बेबसी)
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment