अच्छी है यही खुद्दारी क्या, रख जेब में दुनियादारी क्या
जो दर्द छुपा के हंस दे हम, अश्क़ों से हुई गद्दारी क्या
हंस के जो मिलो सोचे दुनिया, मतलब है छुपाया भारी क्या
वे देह के भूखे, क्या जाने, ये प्यार वफ़ा दिलदारी क्या
-शायर: नामालूम
जो दर्द छुपा के हंस दे हम, अश्क़ों से हुई गद्दारी क्या
हंस के जो मिलो सोचे दुनिया, मतलब है छुपाया भारी क्या
वे देह के भूखे, क्या जाने, ये प्यार वफ़ा दिलदारी क्या
-शायर: नामालूम
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