कह रहा है शोर-ए-दरिया से समुंदर का सुकूत
जिस का जितना ज़र्फ़ है उतना ही वो ख़ामोश है
-नातिक़ लखनवी
(सुकूत = ख़ामोशी, शांती, मौन, चुप्पी) (ज़र्फ़ = सामर्थ्य, ताकत)
जिस का जितना ज़र्फ़ है उतना ही वो ख़ामोश है
-नातिक़ लखनवी
(सुकूत = ख़ामोशी, शांती, मौन, चुप्पी) (ज़र्फ़ = सामर्थ्य, ताकत)
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