मैं चलते-चलते इतना थक गया हूँ, चल नहीं सकता,
मगर मैं सूर्य हूँ, संध्या से पहले ढल नहीं सकता
मैं ये अहसास लेकर, फ़िक्र करना छोड़ देता हूँ,
जो होना है, वो होगा ही, कभी वो टल नहीं सकता
-कुँअर बेचैन
मगर मैं सूर्य हूँ, संध्या से पहले ढल नहीं सकता
मैं ये अहसास लेकर, फ़िक्र करना छोड़ देता हूँ,
जो होना है, वो होगा ही, कभी वो टल नहीं सकता
-कुँअर बेचैन
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