Saturday, November 24, 2012

सीख ले फूलों से ग़ाफ़िल मुद्दआ-ए-जिंदगी,
खुद महकना ही नहीं गुलशन को महकाना भी है
-असर लखनवी

(ग़ाफ़िल = बेख़बर), (मुद्दआ-ए-जिंदगी = ज़िन्दगी का उद्देश्य), (गुलशन = बाग़, बगीचा)

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