mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Friday, December 7, 2012
जग अभी जीता नहीं है मैं अभी हारा नहीं हूं,
फ़ैसला होने से पहले हार क्यों स्वीकार कर लूं
-लालजी पांडेय ‘अंजान’
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