उस दर का दरबान बना दे या अल्लाह,
मुझको भी सुल्तान बना दे या अल्लाह।
इन आँखों से तेरे नाम की बारिश हो,
पत्थर हूँ, इन्सान बना दे या अल्लाह।
सहमा दिल, टूटी कश्ती, चढ़ता दरया,
हर मुश्किल आसान बना दे या अल्लाह।
मैं जब चाहूँ झाँक के तुझको देख सकूँ,
दिल को रोशनदान बना दे या अल्लाह।
मेरा बच्चा सादा काग़ज़ जैसा है,
इक हर्फ़े ईमान बना दे या अल्लाह।
चाँद-सितारे झुक कर क़दमों को चूमें,
ऐसा हिन्दोस्तान बना दे या अल्लाह।
-बशीर बद्र
मुझको भी सुल्तान बना दे या अल्लाह।
इन आँखों से तेरे नाम की बारिश हो,
पत्थर हूँ, इन्सान बना दे या अल्लाह।
सहमा दिल, टूटी कश्ती, चढ़ता दरया,
हर मुश्किल आसान बना दे या अल्लाह।
मैं जब चाहूँ झाँक के तुझको देख सकूँ,
दिल को रोशनदान बना दे या अल्लाह।
मेरा बच्चा सादा काग़ज़ जैसा है,
इक हर्फ़े ईमान बना दे या अल्लाह।
चाँद-सितारे झुक कर क़दमों को चूमें,
ऐसा हिन्दोस्तान बना दे या अल्लाह।
-बशीर बद्र
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