Saturday, January 19, 2013

हवा जब तेज़ चलती है तो पत्ते टूट जाते हैं,
मुसीबत के दिनों में अच्छे-अच्छे टूट जाते हैं।

बहुत मजबूर हैं हम झूठ तो बोला नहीं जाता,
अगर सच बोलते हैं हम तो रिश्ते टूट जाते हैं।

भले ही देर से आए मगर वो वक़्त आता है,
हक़ीक़त खुल ही जाती है मुखौटे टूट जाते हैं।

-नित्यानंद 'तुषार'

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