ख़ुद से बाहर अब निकलकर देखें,
दूसरों के ग़म भी चलकर देखें।
टूटने पर टूट जाएगा दिल,
आप सपनों को सँभलकर देखें।
रोशनी देते रहे जो कल तक,
उनकी खात़िर आज जलकर देखें।
ये बहुत मुश्किल सही फिर भी हम,
इस जहाँ को ही बदलकर देखें।
उनको गिरने से बचा लेना तुम,
जो ये सोचें हम फिसलकर देखें।
-नित्यानंद 'तुषार'
दूसरों के ग़म भी चलकर देखें।
टूटने पर टूट जाएगा दिल,
आप सपनों को सँभलकर देखें।
रोशनी देते रहे जो कल तक,
उनकी खात़िर आज जलकर देखें।
ये बहुत मुश्किल सही फिर भी हम,
इस जहाँ को ही बदलकर देखें।
उनको गिरने से बचा लेना तुम,
जो ये सोचें हम फिसलकर देखें।
-नित्यानंद 'तुषार'
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