Friday, February 22, 2013

ज़िन्दगी तूने मुझे मार दिया था लेकिन,
ये तो मैं था जो तिरे जिन्दों से बेहतर ही जिया।

अब मिले हम तो कई लोग बिछड़ जायेंगे,
इंतज़ार और करो अगले जनम तक मेरा।
 -बशीर बद्र

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