तुम्हारे पाँवों के नीचे कोई ज़मीन नहीं,
कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यक़ीन नहीं।
तुझे क़सम है ख़ुदी को बहुत हलाक न कर,
तू इस मशीन का पुर्ज़ा है, तू मशीन नहीं।
(हलाक = मृत, शिथिल)
-दुष्यंत कुमार
कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यक़ीन नहीं।
तुझे क़सम है ख़ुदी को बहुत हलाक न कर,
तू इस मशीन का पुर्ज़ा है, तू मशीन नहीं।
(हलाक = मृत, शिथिल)
-दुष्यंत कुमार
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