Tuesday, February 12, 2013

हद से बढ़ के तअल्लुक़ निभाया नहीं,
मैंने इतना भी खुद तो गंवाया नहीं ।

उम्र सारी तमाशों में गुज़री मगर,
मैंने ख़ुद को तमाशा बनाया नहीं ।
-वसीम बरेलवी

 

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