Thursday, February 14, 2013

यह किन नज़रों से तूने आज देखा
कि तेरा देखना देखा न जाए

'फ़राज़' अपने सिवा है कौन तेरा
तुझे तुझसे जुदा देखा न जाए
-अहमद फ़राज़

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