mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Monday, May 20, 2013
दिन गुज़रता नज़र नहीं आता
रात काटे से भी नहीं कटती
रात और दिन से इस तसलसुल में
उम्र बांटे से भी नहीं बंटती
-मीना कुमारी 'नाज़'
(तसलसुल = श्रंखला, क्रम, सिलसिला)
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