mir-o-ghalib
जगजीत-चित्रा जी की ग़ज़लों और नज़्मों के लिए यहाँ क्लिक करें
मीर तक़ी मीर और मिर्ज़ा ग़ालिब के चाहने वाले ये ब्लॉग भी देखें: मीर-ओ-ग़ालिब
Spiritual Science
Tuesday, May 21, 2013
ग़म दिए हैं तो किस करीने से,
दूर रहता हूँ हम नशीनों से
दिल की दुश्मन बनी है दिल की लगी,
सांप निकले हैं आस्तीनों से
-कँवल ज़ियाई
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment