Saturday, May 18, 2013

यादे-माज़ी अज़ाब है यारब,
छीन ले मुझसे हाफ़िज़ा मेरा।
-अख्तर अंसारी

[(यादे-माज़ी = बीते हुए समय की याद), (अज़ाब = दुख, कष्ट), (हाफ़िज़ा = स्मरण शक्ति)]

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