Tuesday, May 14, 2013

दो तुन्द हवाओं पर बुनियाद है तूफां की,
या तुम न हसीं होते या मैं न जवां होता।
-आरज़ू लखनवी

(तुन्द = तेज, तीक्ष्ण, उग्र)

No comments:

Post a Comment