mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Tuesday, May 14, 2013
बरसात में तालाब तो हो जाते हैं कमज़र्फ़,
बाहर कभी आपे से समंदर नहीं होता ।
-ऐजाज़ रहमानी
(कमज़र्फ़ = ओछा, तुच्छ)
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