हम तुझसे किस हविस की फ़लक जुस्तजू करें ?
दिल ही नहीं रहा है जो कुछ आरज़ू करें
[(हविस = कामना, तृष्णा), (फ़लक = आसमान), (जुस्तजू = इच्छा, खोज)]
-ख़्वाजा मीर 'दर्द'
दिल ही नहीं रहा है जो कुछ आरज़ू करें
[(हविस = कामना, तृष्णा), (फ़लक = आसमान), (जुस्तजू = इच्छा, खोज)]
-ख़्वाजा मीर 'दर्द'
कहाँ खो गया?:)
ReplyDeletesp