Saturday, December 7, 2013

क्या ख़ास क्या है आम ये मालूम है मुझे

क्या ख़ास क्या है आम ये मालूम है मुझे
किसके हैं कितने दाम ये मालूम है मुझे

हम लड़ रहे हैं रात से लेकिन उजाले पर
होगा तुम्हारा नाम ये मालूम है मुझे

ख़ैरात मैं जो बांट रहा हूँ उसी के कल
देने पड़ेंगे दाम ये मालूम है मुझे

रखते हैं कहकहो में छुपाकर उदासियाँ 
ये मयकदे तमाम ये मालूम है मुझे

जब तक हरा-भरा हूँ उसी रोज़ तक हैं बस
सारे दुआ सलाम ये मालूम है मुझे

-हस्तीमल हस्ती

No comments:

Post a Comment