Saturday, December 7, 2013

थे जो अपने हुए वो पराये
रंग किस्मत ने ऐसे दिखाये

हम जो मोती किसी हार के थे
ऐसे बिखरे के फिर जुड़ न पाये
-ताहिर फ़राज़

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