mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Saturday, November 8, 2014
उसी मक़ाम पे कल मुझको देखकर तनहा
बहुत उदास हुए फूल बेचने वाले
-जमाल एहसानी
(मक़ाम = ठहरने की जगह, स्थान)
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