अहल-ए-मानी को लाज़िम है सुखन आराई भी
बज़्म में अहल-ए-नज़र भी हैं, तमाशाई भी
-हाली
(अहल-ए-मानी = गहरी बात कहने वाले), (सुखन आराई = बात को सजा कर कहना), (अहल-ए-नज़र = नज़र रखने वाले)
बज़्म में अहल-ए-नज़र भी हैं, तमाशाई भी
-हाली
(अहल-ए-मानी = गहरी बात कहने वाले), (सुखन आराई = बात को सजा कर कहना), (अहल-ए-नज़र = नज़र रखने वाले)
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