Sunday, May 31, 2015

बादल नहीं छाए हैं की बरसात नहीं है

बादल नहीं छाए हैं की बरसात नहीं है
तुम आना ना चाहो तो कोई बात नहीं है

ले दे के इस दिल से ही था मिलना मिलाना
इक अरसे से उस से भी मुलाक़ात नहीं है

महसूस ये होता है जुदाई के दिनों में
तुम साथ नहीं हो तो कोई साथ नहीं है

कब कोई नहीं मेरा कभी कहता था सबसे
दिन मेरा नहीं है कि मेरी रात नहीं है

-नामालूम
 

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