Friday, May 1, 2015

जगत कर्ता जगत हर्ता तो केवल राम होता है
उसी का नाम होठों पर सुबह और शाम होता है

यहाँ सब लोग जाने क्यूं हमीं पर तंज हैं कसते
बिचारा 'आरसी' तो मुफ्त में बदनाम होता है

-आर० सी० शर्मा "आरसी"

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