Thursday, May 21, 2015

जब तलक ये ज़िन्दगी बाक़ी रहेगी

जब तलक ये ज़िन्दगी बाक़ी रहेगी
ज़िन्दगी में तिश्नगी बाक़ी रहेगी

(तिश्नगी = प्यास)

सूख जाएंगे जहाँ के सारे दरिया
आँसुओं की ये नदी बाक़ी रहेगी

मेह्रबाँ जब तक हवायें हैं तभी तक
इस दिए में रोशनी बाक़ी रहेगी

कौन दुनिया में मुकम्मल हो सका है
कुछ न कुछ सब में कमी बाक़ी रहेगी

आज का दिन चैन से गुज़रा, मैं खुश हूँ
जाने कब तक ये ख़ुशी बाक़ी रहेगी

-राजेश रेड्डी

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