Tuesday, May 19, 2015

लिख लिख के आँसुओं से दीवान कर लिया है

लिख लिख के आँसुओं से दीवान कर लिया है
अपने सुखन को अपनी पहचान कर लिया है

(सुखन = कथन, कविता, काव्य)

आख़िर हटा दी हमने भी ज़ेहन से किताबें
हम ने भी अपना जीना आसान कर लिया है

दुनिया में आँखें खोली हैं मूंदने की ख़ातिर
आते ही लौटने का सामान कर लिया है

सब लोग इससे पहले कि देवता समझते
हम ने ज़रा सा ख़ुद को इंसान कर लिया है

जिन नेकियों पे चल कर अज्दाद कितने ख़ुश थे
हम ने उन्हीं पे चलकर नुकसान कर लिया है

(अज्दाद = बाप-दादा, पूर्वज, पुरखे)

हर बार अपने दिल की बातें ज़बाँ पे ला कर
हम ने मुसीबतों को मेहमान कर लिया है

अक्सर हुआ है मरने की मांग कर दुआएँ
फिर हम ने ज़िन्दगी का अरमान कर लिया है

इक दिल के टूटने पर रोता है कोई इतना
झोंके को ख़ुद हमीं ने तूफ़ान कर लिया है

सोचा भी है कि दाना बनने की कोशिशों में
क्या हाल अपना तूने नादान कर लिया है

(दाना = बुद्धिमान, अक़्लमंद)

कुछ इस तरह गुज़ारा है ज़िन्दगी को हम ने
जैसे कि ख़ुद पे कोई एहसान कर लिया है

-राजेश रेड्डी

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