mir-o-ghalib
जगजीत-चित्रा जी की ग़ज़लों और नज़्मों के लिए यहाँ क्लिक करें
मीर तक़ी मीर और मिर्ज़ा ग़ालिब के चाहने वाले ये ब्लॉग भी देखें: मीर-ओ-ग़ालिब
Spiritual Science
Tuesday, January 29, 2019
पूछा जो मैं ने यार से अंजाम-ए-सोज़-ए-इश्क़
शोख़ी से इक चराग़ को उस ने बुझा दिया
-नामालूम
(अंजाम-ए-सोज़-ए-इश्क़ = प्यार में जलने का परिणाम)
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment