Saturday, February 9, 2019

हिज्र को हौसला और वस्ल को फ़ुर्सत दरकार
इक मोहब्बत के लिए एक जवानी कम है
-अब्बास ताबिश

(हिज्र = जुदाई), (वस्ल = मिलन)

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