Thursday, February 7, 2019

मिरा मिट्टी से चेहरा अट गया तो

मिरा मिट्टी से चेहरा अट गया तो ?
सफ़र मुश्किल था लेकिन, कट गया तो ?

उमड़ आया तो है अश्कों का बादल
बरस जाने से पहले छट गया तो ?

ज़मीं क्या आसमाँ को थाम लेगी ?
अगर मैं दरमियाँ से हट गया तो

भला ग़ैरों में कैसे जी सकूँगा ?
अगर अपनों से ही मैं कट गया तो

मुझे क्यूँ झूठ पर उकसा रहे हो
तुम्हारे ही मुक़ाबिल डट गया तो ?

तो क्या तुम तुन्द तूफ़ाँ रोक लोगे ?
अगर मौजों से साहिल कट गया तो ?

(तुन्द = तीव्र, तेज)

मुझे नफ़रत के सांचों में न ढालो
उन्हीं खानों में घिर के बट गया तो ?

तो फिर ये ज़िन्दगी भी काट लूँगा
अगर ये आज का दिन कट गया तो ?

"शकील आज़ाद" कब लौटोगे घर को ?
ग़ुबार-ए-राह से रास्ता अट गया तो

-शकील आज़ाद

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