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Spiritual Science
Tuesday, March 5, 2019
उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए
कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए
-इरफ़ान सिद्दीक़ी
(मंज़र-ए-शब-ताब = रात की चमक का समा/ दृश्य)
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