यारो कू-ए-यार की बातें करें
फिर गुल ओ गुलज़ार की बातें करें
(कू-ए-यार = यार (प्रियतम/प्रियतमा) की गली)
चाँदनी में ऐ दिल इक इक फूल से
अपने गुल-रुख़्सार की बातें करें
(गुल-रुख़्सार = फूल जैसे गाल वाला माशूक़)
अब तो मिलिए बस लड़ाई हो चुकी
अब तो चलिए प्यार की बातें करें
फिर महक उट्ठे फ़ज़ा-ए-ज़िंदगी
फिर गुल ओ रुख़्सार की बातें करें
(गुल = फूल), (रुख़्सार = गाल)
-अख़्तर शीरानी
फिर गुल ओ गुलज़ार की बातें करें
(कू-ए-यार = यार (प्रियतम/प्रियतमा) की गली)
चाँदनी में ऐ दिल इक इक फूल से
अपने गुल-रुख़्सार की बातें करें
(गुल-रुख़्सार = फूल जैसे गाल वाला माशूक़)
अब तो मिलिए बस लड़ाई हो चुकी
अब तो चलिए प्यार की बातें करें
फिर महक उट्ठे फ़ज़ा-ए-ज़िंदगी
फिर गुल ओ रुख़्सार की बातें करें
(गुल = फूल), (रुख़्सार = गाल)
-अख़्तर शीरानी
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