Tuesday, May 14, 2019

शिकवा न बख़्त से है ने आसमाँ से मुझ को

शिकवा न बख़्त से है ने आसमाँ से मुझ को
पहुँची जो कुछ अज़िय्यत अपने गुमाँ से मुझ को

आशिक़ न था मैं बुलबुल कुछ गुल के रंग-ओ-बू का
इक उन्स हो गया था इस गुल्सिताँ से मुझ को

-क़ाएम चाँदपुरी

(बख़्त = क़िस्मत, भाग्य), (अज़िय्यत = कष्ट, यातना, तक्लीफ़), (गुमाँ = गुमान, घमण्ड, अहँकार), (उन्स = प्यार, प्रेम)

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