फ़ितरत में आदमी की है मुबहम सा एक ख़ौफ़
उस ख़ौफ़ का किसी ने ख़ुदा नाम रख दिया
(मुबहम = छुपा हुआ, अस्पष्ट, धुँधला)
मुफ़लिस को अहल-ए-ज़र ने भी क्या क्या दिए फ़रेब
अपनी जफ़ा का हुक्म-ए-ख़ुदा नाम रख दिया
(मुफ़लिस = ग़रीब), (अहल-ए-ज़र = अमीर, पैसे वाले लोग), (जफ़ा = ज़ुल्म, अत्याचार)
- गोपाल मित्तल
उस ख़ौफ़ का किसी ने ख़ुदा नाम रख दिया
(मुबहम = छुपा हुआ, अस्पष्ट, धुँधला)
मुफ़लिस को अहल-ए-ज़र ने भी क्या क्या दिए फ़रेब
अपनी जफ़ा का हुक्म-ए-ख़ुदा नाम रख दिया
(मुफ़लिस = ग़रीब), (अहल-ए-ज़र = अमीर, पैसे वाले लोग), (जफ़ा = ज़ुल्म, अत्याचार)
- गोपाल मित्तल
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